क्या आप जानते हैं कि Shubhanshu Shukla ने Space Station (ISS) पर कौन-कौन से प्रयोग किये हैं? तो आइए जानते हैं।

Shubhanshu Shukla

Axiom-4 मिशन (Ax-4) एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन है, जो अमेरिकी कंपनी Axiom Space, NASA, और SpaceX की साझेदारी में संचालित किया गया। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla को इसके पायलट के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा गया।

लखनऊ से लेकर अंतरिक्ष की ऊँचाइयों तक का सफर Shubhanshu Shukla कैसे तय किया।

ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, भारत में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा "सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ" से प्राप्त की और उच्च शिक्षा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (B.Sc., कम्प्यूटर विज्ञान), तथा बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में M.Tech की डिग्री प्राप्त की।

Shubhanshu Shukla के साथ क्रू में कौन-कौन सदस्य शामिल हैं?

Axiom-4 मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:

  • 🇮🇳 भारत के शुभांशु शुक्ला – मिशन पायलट
  • 🇺🇸 अमेरिका से एक वरिष्ठ कमांडर
  • 🇵🇱 पोलैंड के एक मिशन विशेषज्ञ
  • 🇭🇺 हंगरी के एक वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री

    Space मिशन के उद्देश्य

    1. सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) में वैज्ञानिक प्रयोग
    2. अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना
    3. गगनयान मिशन के लिए भारत को अनुभव देना
    4. अंतरिक्ष में योग

    सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) में वैज्ञानिक प्रयोग

    1st एक्सपेरिमेंट: Stem cell जीरो ग्रेविटी में मसल्स लॉस हो जाती हैं, तो ऐसा कोई सप्लमेंट है जो देकर के इस लॉस को रोका जा सकता है। Shubhanshu Shukla का प्रयोग का लाभ धरती पर जो लोगों की मसल्स लॉस होती है उनके काम आ सकता है।

    प्रक्षेपण का विवरण

      विवरणजानकारी
      प्रक्षेपण यानSpaceX Falcon 9 (Block 5)
      अंतरिक्ष यानCrew Dragon “Freedom” कैप्सूल
      स्थानLaunch Pad 39A, Kennedy Space Center, Florida (USA)
      तिथि25 जून 2025 (7:30 PM IST)
      मूल तिथि20 जून (मौसम और तकनीकी कारणों से स्थगित)
      अवधिलगभग 14 दिन
      गंतव्यअंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)
      डॉकिंगहार्मनी मॉड्यूल (Harmony Module)
      वापसीअटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन

      मुख्य उड़ान चरण

      • T+00:00 – लॉन्च
      • T+01:20 – मैक्स Q (अधिकतम वायुमंडलीय दबाव)
      • T+02:40 – पहला चरण पृथक्करण
      • T+09:00 – ड्रैगन कैप्सूल अलग होता है
      • T+24 घंटे – अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग

      भारत के लिए क्या मायने रखता है यह मिशन?

      • 41 वर्षों बाद भारत की मानवयुक्त उड़ान
      • ISRO के गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण और अनुभव
      • वैश्विक स्तर पर भारत की अंतरिक्ष क्षमता की पहचान
      • युवा पीढ़ी को विज्ञान, अनुसंधान और अंतरिक्ष में करियर के लिए प्रेरणा

      भविष्य की झलक

      Axiom-4 सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत के दीर्घकालीन अंतरिक्ष कार्यक्रमों की नींव है। आने वाले वर्षों में भारत गगनयान के ज़रिए अपने अंतरिक्ष यात्री स्वयं भेजेगा, चंद्रमा और मंगल अभियानों की तैयारी, निजी और वैश्विक साझेदारियों के साथ अंतरिक्ष में व्यावसायिक उपस्थिति बढ़ेगी

      ऐतिहासिक महत्व

      • राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के 41 वर्ष बाद भारत का पहला वीडिएन्ट प्रतिनिधि ISS में।
      • Axiom‑4 मिशन के माध्यम से भारत, USA, Poland और Hungary को मानव-युक्त अंतरिक्ष उड़ानों में जोड़ने वाली पहल
      • यह अनुभव Gaganyaan (2027), भविष्य में भारत के चंद्र या गहराई वाले मिशनों के लिए आधारभूत साबित होगा

      भावनाएं और संदेश

      • लॉन्चिंग से पहले Shubhanshu Shukla ने अपनी पत्नी के नाम भावपूर्ण संदेश लिखा: “Special thanks to Kamna for being the wonderful partner that you are.”
      • प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और युवा वर्ग से मिल रहे प्रेरणास्पद संदेशों ने राष्ट्र में गौरव और उत्साह का संचार किया ।

      निष्कर्ष

      Shubhanshu Shukla की यह उड़ान केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत की भावनाओं, विज्ञान‑प्रगति और वैश्विक सहयोग की प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है। यह वह खिड़की है जिससे युवा पीढ़ी अंतरिक्ष की ओर निहारती हुई आने वाले मिशनों की उड़ान बुलंद करती दिखेगी।

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